प्रखंड में लगातार ठंड बढ़ रही है । न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम के मिजाज में आ रहे बदलाव को देखते हुए नवजात शिशु के देखभाल को लेकर विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है । सर्दियों के मौसम में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सिरदला पीएचसी में पदस्थापित चिकित्सक डॉ अजय चौधरी ने बताया कि ठंड की चपेट में आने से बच्चें निमोनिया, खांसी, जुकाम, और बुखार के शिकार हो सकते हैं । ऐसे में नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध अमृत के समान हैं । बच्चों को गर्म कपड़ा पहना कर रखें।

अगर बच्चें की सांस तेज हो जाएं तो समझें निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं । ऐसी स्थिति में फौरन नजदीकी किसी चिकित्सक से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि बढ़ते ठंड में नवजात शिशुओं को गर्म कपड़ों में ढंक कर रखें । इसके अलावा बच्चों को ठंड लगने पर फौरन नजदीकी के किसी चिकित्सक से दिखाएं। बच्चों को मां का दूध पिलाएं। मां के दूध से बच्चों को बीमारी से लड़ने की शक्ति मिलती है। बढ़ते ठंड में छह महीने से कम उम्र के नवजात के हर समय हाथ, पैर और तलवे को हाथों से छू कर देखते रहना चाहिए। ठंड का एहसास होने पर फौरन मालिश करें। ताकि, नवजात के शरीर में गर्मी का एहसास होने लगें । ठंड से ग्रस्त मां को भी नवजात को ठंड से बचाने के लिए सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।



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