कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पहली बार श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। इस बार मंदिर न्यास समिति ने कोविड 19 से उपजे हालात के कारण सोशल डिस्टेंसिंग तथा स्नानार्थियों के जल बाबा के शिवलिंग तक बिना किसी परेशानी के पहुंचे इसके लिए अरघा सिस्टम लागू किया है।

इस संबंध में मंदिर न्यास समिति के सचिव विजय कुमार सिंह लल्ला ने बताया कि बाबा हरिहरनाथ मंदिर के गर्भगृह में किसी का भी प्रवेश वर्जित रखा गया है। स्नान के बाद श्रद्धालु मंदिर के प्रवेश द्वार पर बनाये गए प्रतीकात्मक शिव लिंग पर ही जलार्पण करेंगे, जो सीधे बाबा हरिहरनाथ तक पहुंचेगा।

श्रद्धालु अपने द्वारा अरघा सिस्टम के माध्यम से भगवान को जल अर्पण का दृश्य वहां लगे दो बड़े एलईडी स्क्रीन के माध्यम से देख सकेंगे।

सचिव श्री लल्ला ने यह भी बताया कि इसके अलावा श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश के दौरान मास्क पहन कर ही प्रवेश की अनुमति होगी उसके पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग क्व आयात सेनेटाइज किये जाने की भी व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर में 24 सीसीटीवी लगाए गए है कंट्रोल रूम से मंदिर की हर गतिविधि पर नजर रखी जायेगी।

उन्होंने बताया कि मंदिर को आकर्षक रूप से सजावट करने के साथ साथ कालीघाट से मंदिर तक बैरिकेडिंग की गई है। उन्होंने बताया कि रात्रि 12 बजे भगवान को नारायणी में दिव्य स्नान कराने के बाद रुद्राभिषेक करने के बाद करीब डेढ़ बजे आम श्रद्धालुओं के जलाभिषेक के लिए खोल दिया जाएगा।

दूसरी ओर हरिहर क्षेत्र सोनपुर में कार्तिक पूर्णिमा स्नान को लेकर जहां साधु संतों व विभिन्न सम्प्रदाय के मतावलंबियों तथा श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम देर शाम तक जारी है। इस दौरान सर्वाधिक श्रद्धालुओं की भीड़ यहां के दक्षिणायिनी गंगा के पवित्र तट पहलेजाघाट धाम पर है।

वहां पहुंची स्नानार्थियों की भीड़ एवं सैकड़ों की संख्या में सजी पूजा सामग्रियों समेत विभिन्न सामान के फुटपाथी दुकानों से मेला सा नजारा हो गया है। हालांकि, कोविड 19 को लेकर लोगों की सतर्कता व सजगता के कारण तथा स्नानार्थियों के लिए स्पेशल ट्रेन व गाड़ियों के परिचालन नहीं किये जाने के परिणामस्वरूप शाम तक गत वर्षों की अपेक्षा स्नानार्थियों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है।



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