कांग्रेस ने अभी तक उच्च सदन यानी बिहार विधान परिषद् में दल के नेता का चयन नहीं किया है। जबकि कांग्रेस विधायक दल का नेता 14 नवंबर को चुन लिया गया। इसके लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम पहुंचे थे और पार्टी के विधायकों से वन-टू-वन बात की थी।

6 मई को ही पूरा हो गया कार्यकाल

विधान परिषद् में कांग्रेस दल के नेता का कार्यकाल 6 मई को ही पूरा हो गया था। मदन मोहन झा एक बार फिर से विधान परिषद् का चुनाव जीत गए हैं। 6 मई से लेकर अभी तक यह खाली पड़ा है। पार्टी ने तय नहीं किया है कि वह मदन मोहन झा को परिषद् में दल का नेता बनाएगी या किसी और को? इस बार के महत्वपूर्ण सत्र में भी पार्टी की ओर से उच्च सदन में दल का कोई नेता नहीं था।

अभी बिहार विधान परिषद् में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमचंद मिश्रा और राजेश कुमार राम सदस्य हैं। इन्हीं चारों में से किसी को पार्टी उच्च सदन में दल का नेता बनाएगी। कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर कहते हैं कि इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

कहां फंसा है पेंच

दरअसल, पेंच प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को लेकर फंसा है। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद चुनाव प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने इस्तीफा दे दिया था, तो मदन मोहन झा ने भी इस्तीफे की पेशकश की थी। झा ने दैनिक भास्कर से कहा था कि उन्होंने अपनी जवाबदेही तय करने के लिए आलाकमान को लिखा है, जिसपर फैसला आना अभी बाकी है। कांग्रेस के विधायक दल के नेता के चुनाव के दौरान भी सदाकत आश्रम में खूब हंगामा हुआ था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Bihar Congress News : No leader of Congress MLCs in Bihar Legislative Assembly since 6 May


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3ljLsJa